अगले महीने स्वच्छ सर्वे के लिए आने वाली केंद्र की टीम को दिखाने के लिए ही सही लेकिन आदमपुर छावनी में कचरे की सफाई शुरू हो गई है। नगर निगम की कोशिश है कि यहां नजर आ रहे कचरे के पहाड़ को सर्वे के लिए अगले महीने टीम के आने से पहले साफ कर दिया जाए। कचरे के इन पहाड़ से सेग्रीगेशन एट सोर्स से लेकर कचरे के निष्पादन तक के निगम के दावों पर सवालिया निशान लग सकता है।
नगर निगम आदमपुर छावनी में कचरे के निष्पादन पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। वैसे तो यह काम नौ महीने में पूरा होना है। लेकिन मशीनों की संख्या बढ़ाकर निगम महीने भर के भीतर यह स्थिति दिखाना चाहता है कि यहां पड़ा हुआ कचरा ज्यादा पुराना नहीं है। इसके अलावा शहर के बड़े नालों की सफाई का एक बार फिर अभियान शुरू हो गया है। बरसात से ठीक पहले नालों की सफाई हुई थी। छह माह के भीतर दोबारा सफाई हो रही है।
सुबह बस्तियों में तैनात हो जाता है अमला
इसके साथ ही ओडीएफ डबल प्लस का तमगा बचाए रखने के लिए निगम को मशक्कत करना पड़ रही है। सुबह छह बजे से पहले नगर निगम का अमला बस्तियों में तैनात हो जाता है और लोगों को पब्लिक टायलेट का ही उपयोग करने को कहा जा रहा है। वल्लभ भवन के आसपास की बस्तियों में भी निगम के कर्मचारी तैनात किए गए हैं ताकि शौर्य स्मारक के आसपास होने वाली गंदगी को रोका जा सके। इसके साथ ही पब्लिक टायलेट को भी साफ सुथरा किया जा रहा है।